बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी

अभी सैम पित्रोदा ने कांग्रेस के लिए नयी मुसीबत खड़ी कर दी है।

नई दिल्ली। बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी, एक बार मुंह से निकल गयी बात, फिर तो चहुंओर फैल ही जायेगी। अभी सैम पित्रोदा ने कांग्रेस के लिए नयी मुसीबत खड़ी कर दी, यह कह कर कि भारत में अमेरिका की तरह उत्तराधिकार के टैक्स पर चर्चा होनी चाहिए यानी जब जब कोई दस करोड़ डॉलर की सम्पत्ति वाला व्यक्ति इस दुनिया में नहीं रहता तब उसकी सम्पत्ति का 55 प्रतिशत सरकार ले ले और 45 प्रतिशत उसके बच्चों को दिया जाये। ‌इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुद्दा मिल गया और वे बोले कि कांग्रेस लूटने आ रही है। यह तो ज़िन्दगी के साथ भी और ज़िन्दगी के बाद भी आपको लूटेगी। ‌हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा कि ये तो सैम पित्रोदा के निजी विचार हैं, कांग्रेस के नहीं। लोकतंत्र में हर किसी को निजी विचार रखने की आज़ादी है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को तो एक मुद्दा चाहिए था, जो सैम पित्रोदा ने दे दिया ।

यह भी मज़ेदार बात है कि हर बार पता नहीं क्यों और कैसे ये सैम पित्रोदा महाश्य भी कांग्रेस को किसी न किसी तरह फंसा देते हैं और इस बार भी अपनी भूमिका निभाने से नहीं चूके । हर बार कांग्रेस के किसी न किसी नेता के मुंह से ऐन चुनाव के बीच कुछ ऐसी बात कह दी जाती है, जो कांग्रेस के अभियान को कमज़ोर बना देती है। ‌जैसे एक बार कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद के दावेदार श्री मोदी को मौत के सौदागर ही कह दिया और इस बयान ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुंचाया। फिर अगले चुनाव में यह कहा गया कि चाय वाला कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता और इस पर बड़ी चालाकी से सारे देश में नमो टी स्टाल खोल दिये गये।

अब ये सैम पित्रोदा आ गये नया शिगूफा लेकर! सम्पत्ति के उत्तराधिकारी कौन और लो इसे कैश करना शुरू कर दिया । हालांकि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने बहुत इमोशनल करते कहा कि किस मंगलसूत्र की बात करते हो, मेरी मां ने अपना मंगल सूत्र देश को अर्पण कर दिया। ‌इसी बात को वे पहले भी कह चुकी हैं कि भाएपा हमारे परिवार पर परिवारवाद का आरोप लगाती है लेकिन जो हमारे परिवारजनों ने देश के लिए कुर्बानियों दी हैं, उन पर क्या कहे़ंगे? यही नहीं कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ की ओर से प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एक पोस्ट में यह कह रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी को कि अब तो आत्मनिर्भर हो जाओ, कब तक अपनी नाकामियां मेरे ऊपर डालते रहोगे? इस तरह बात निकलती है तो दूर तलक जाती है!