आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में श्री रविशंकर ने कही ये बात

नई दिल्ली। आजादी के 75 वें वर्षगांठ पर सम्पूर्ण भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में इंडिया सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आईसीपीआरडी) ने डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, जनपथ, नई दिल्ली में सेमिनार का आयोजन किया । इस कार्यक्रम को देश के अग्रणी विचारक नेताओं ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ताओं में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर, “द आर्ट ऑफ लिविंग” के संस्थापक, डॉ कर्ण सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री , संसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, अरविंद वेल्लड़ (विधायक) सुधाकर रेड्डी, और श्याम जाजू आदि मौजूद थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कहा की “सेक्युलरिज्म के चक्कर में युवाओं को आध्यात्म, योग व दर्शन के ज्ञान से वंचित रखा गया।””मन की स्थिति पूरी तरह से व्यक्ति की खुशी पर निर्भर करती है, मन को सभी विचारों से मुक्त करें और स्वतंत्रता दें। ‘ओम् नमः शिवाय’ मंत्र। कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश को जोड़ता है, यही है भारत की ताकत। महामारी ने हमें मानसिक टुकड़े का पाठ पढ़ाया है, इसलिए सभी को खुद को स्वस्थ रखना चाहिए क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य सबसे बड़ी चुनौती है।”

आईसीपीआरडी के संस्थापक अध्यक्ष, कुमार राजीव रंजन सिंह ने आईसीपीआरडी संगठन के दृष्टिकोण और पॉलिसी बनाने में केंद्र और राज्य सरकारों के साथ व्यापक सहयोग की बात कही इसी के साथ उन्होंने कहा की 75 साल में देश ने सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास के सफर को तय किया है उसका जश्न मनाया जा रहा है, यह कार्यक्रम उन लोगों के बलिदान को पहचानने के लिए मनाया जा रहा है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन उन्हें याद नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देश के विकास के लिए एक्शन लेने का रोडमैप तैयार करने का भी एक तरीका है