पटना। राजधानी के विद्यापति भवन में बुधवार को सिविल सेवा की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों के लिए एक बेहतर आयोजन किया गया। इसमें हजारों की संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला और सेमिनार का आयोजन एएलएस आईएएस और अशा एडू मंत्रा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। सेमिनार का उद्घाटन विधान परिषद के सदस्य और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री रामचन्द्र पूर्वे ने किया। अपने संबोधन में श्री रामचंद्र पूर्वे ने प्रतिभागियों को कठोर परिश्रम और लगन से इस प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी करके अच्छे परिणामों के माध्यम से बिहार राज्य एवं अपने परिवार का नाम रोशन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बिहार के छात्रों ने पूरे देश में अपनी लगन और मेहनत से नाम रोशन किया है।
सेमिनार के आयोजनकर्ता एवं मुख्य वक्ता श्री मनीष के गौतम ने प्रभावशाली तरीके से अभ्यर्थियों के साथ इस परीक्षा की तैयारी की रणनीतियों पर चर्चा की। श्री मनीष के गौतम ने अभ्यर्थियों को सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिए मूलमंत्र बताएं, जिसमें उन्होंने अनुशासन, प्रतिबद्धता, समयबद्ध-योजना, सकारात्मक सोच, सटीक रणनीति, पाठ्यक्रम को समग्रता में समझने की आवश्यकता, विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का विश्लेषण, लेखन कौशल संवर्द्धन आदि पर विशेष बल देने के लिए कहा। श्री गौतम ने बताया कि तैयारी की शुरुआत में अभ्यर्थियों को पाठ्यक्रम में उल्लेखित विषयों और शीर्षकों पर मजबूत आधर निर्माण हेतु एनसीआरटी तथा कुछ मानक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।
इस सेमिनार में विशिष्ट अतिथि के रूप में मुजफ्फरपुर के उप विकास युक्त और निगमायुक्त आशुतोष द्विवेदी ने अपने अनुभव साझा करते हुए तैयारी की रणनीति में विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों तथा पाठ्यक्रम के संबंध् में महत्व को साझा किया। उन्होंने बताया कि वे भी एएलएस आईएएस के पूर्व छात्र रहे हैं और साल 2017 की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 70वां स्थान हासिल किया था।
इस सेमिनार में अनेक शिक्षाविदों की उपस्थिति रही जिसमें मंच पर प्रोपफेसर डॉ. एस.के. सिंह जो ‘ऑल इंडिया कॉरपोरेट काउंसिल पफॉर स्किल डेवलपमेंट’ के अध्यक्ष तथा पूर्व प्रति कुलपति जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय, छपरा की गरिमामय उपस्थिति रही।
परिश्रम और लगन से बिहार के छात्रों ने किया है नाम रोशन : रामचंद्र पूर्वे
तैयारी के दौरान छात्रों को सकारात्मक सोच एवं ऊर्जा के साथ अपने आपको समसामयिकी घटनाओं से अवगत रखने के लिए अखबारों के संपादकीय, योजना, कुरुक्षेत्रा आदि पत्रिकाओं के साथ-साथ इंटरनेट, च्प्ठ, न्यूज चैनलों पर होने वाली चर्चाओं से अवगत रहने की सलाह दी।