रामनवमी पर विभिन्न राज्यों में हिंसा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी के दौरान विभिन्न राज्यों में हुई हिंसा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ ने याचिका वापस ले ली है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह हाई कोर्ट के सामने अपनी बात रख सकते हैं।

याचिका में रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा की जांच की मांग की गई थी। याचिका में रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान हुए दंगों में घायल होने वाले श्रद्धालुओं और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान का हर्जाना देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हिंसा फैलाने वालों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही हर्जाना वसूला जाए।

याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया जाए कि किसी भी इलाके को सिर्फ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बताकर हिन्दुओं की शोभायात्राओं और जुलूसों को अनुमति देने से नहीं रोका जाए। इसके अलावा याचिका में हिंसा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से मामले पर रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई थी। दरअसल पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और गुजरात में 30 मार्च को रामनवमी के दिन निकले जुलूस के दौरान हिंसक घटनाएं हुई थीं।