तट से टकराकर गति गम हुई चक्रवात की, पीएम मोदी ने की मुख्यमंत्री से बात

चक्रवात तूफान बिपरजॉय जो कल रात को सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में केंद्रित था, वो धीरे-धीरे ईस्ट-नॉर्थ-ईस्ट दिशा में गति करते हुए आज सुबह 8:30 बजे भुज से पश्चिम- उत्तर-पश्चिम दिशा में 30 किलोमीटर दूरी पर केंद्रित है। यह थोड़ा कमजोर हुआ है। शाम तक यह तूफान कमजोर होकर एक गहरे दबाव में परिवर्तित हो जाएगा: डॉ मृत्युंजय महापात्र, महानिदेशक, IMD, दिल्ली

नई दिल्ली। आशंका के बादल लगभग छट गए। गुजरात के समुद्री तट पर जिस हानि का अंदेशा था, उतना नहीं हुआ। सरकार की तत्परता से तमाम एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया था। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जो संदेश मिल रहे थे, उसके आधार पर पूरा काम किया गया। सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में तबाही मचाने वाले चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ की तीव्रता गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद कम होकर ‘बेहद गंभीर’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गई है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि चक्रवात उत्तर पूर्व की ओर बढ़ गया है और यह कमजोर पड़ गया है। उन्होंने बताया कि शाम तक यह दक्षिण राजस्थान के ऊपर दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। चक्रवात के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ तथा बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का जल निचले इलाके के गांवों में भर गया। तेज बारिश के बीच भावनगर में बृहस्पतिवार को एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार रात मुख्यमंत्री पटेल से फोन पर बात करके शक्तिशाली चक्रवात बिपारजॉय के आने के बाद राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने अन्य मामलों के साथ-साथ जंगली जानवरों, विशेषकर गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा। पटेल ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन पर मुझसे बात करके चक्रवात बिपारजॉय के आने के बाद गुजरात की वर्तमान स्थिति के बारे में सभी जानकारी ली। उन्होंने गिर वन के शेरों समेत सभी जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा।

इससे पहले IMD, गुजरात की वैज्ञानिक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय फिलहाल जखाऊ पोर्ट से 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। यह उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए कच्छ, सौराष्ट्र को पार करने वाला है। इसकी रफ्तार 115-125 किमी प्रति घंटा होने वाली है। शाम से मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा। द्वारका में चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव से टाटा केमिकल्स के पास सड़क पर एक शेड गिर गया। एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। जामनगर में चक्रवात बिपरजॉय का प्रभाव देखने को मिल रहा है। तटीय क्षेत्रों पर ऊंची लहरें उठ रहीं हैं।आईएमडी ने कहा कि चक्रवात अत्यधिक भारी वर्षा लाएगा और ‘‘खगोलीय ज्वार’’ पैदा होने के चलते 2-3 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जिसके चलते चक्रवात के टकराने के दौरान कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका है।

गुजरात के प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर को चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के मद्देनजर दर्शनार्थियों के लिए बृहस्पतिवार कोबंद कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। द्वारकाधीश मंदिर समूह अपने बाहरी परिसर के साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत एक संरक्षित स्थल है। देवभूमि द्वारका जिले की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, द्वारका में मुख्य मंदिर को ‘जगत मंदिर’ या ‘त्रिलोक सुंदर’ के रूप में जाना जाता है।

अरब सागर में से उठे चक्रवात ‘बिपारजॉय का केंद्र जखौ बंदरगाह से लगभग 20 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, देवभूमि द्वारका से 120 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में और नलिया से 50 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में था। गुजरात तट के पास पहुंचने के दौरान चक्रवात 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि इस दौरान हवा की गति 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे से 140 किलोमीटर प्रति घंटा थी। राज्य प्रशासन ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम तक उसने आठ तटीय जिलों में रहने वाले 94,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में भेजा है। अधिकरियों ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को तैनात किया गया।