हंगामों के बीच लोकसभा में पेश किया गया वक्फ बिल, विपक्ष ने कहा- यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ

 

नई दिल्ली। विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया।  वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का समर्थन करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा…किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले।”किरेन रिजिजू ने कहा, “…आज जो विधेयक लाया जा रहा है वह सच्चर समिति की रिपोर्ट (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) पर आधारित है, जिसे आपने (कांग्रेस ने) बनाया था।”वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा, “इस पर राजनीति की जा रही है। बातचीत चल रही है। विपक्ष हर चीज का विरोध करता रहेगा। प्रधानमंत्री इतनी अच्छी चीजें लेकर आए हैं, उन्हें सब गलत लगता है।

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है… इस विधेयक को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं। यह विधेयक इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।”

विपक्ष की ओर से बोलते हुए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया। केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है।

एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि या तो इस विधेयक को पूरी तरह से वापस ले या इसे स्थायी समिति को भेज दे… कृपया बिना परामर्श के एजेंडा आगे न बढ़ाएं। लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अगर इस कानून की न्यायिक जांच की गई तो यह निश्चित रूप से रद्द हो जाएगा।