क्या है नई ड्रोन पॉलिसी में आपके लिए खास ?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा कर दी गई है। जो लोग ड्रोन रखते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। अब जो भी ड्रोन मालिक है उसे अपने ड्रोन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नई ड्रोन नीति के तहत लाइसेंस जारी करने के पंजीकरण से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है। केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे आने वाले भारतीय के लिए बेहद जरूरी बताया है। विशेषज्ञ भी इसको लेकर अपनी राय रख रहे है।

गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज भारत सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा कर रही है ये ड्रोन पॉलिसी स्वयं में एक इतिहास रचेगी, भारत की 21वीं सदी की सोच और विचारधारा के लिए। हमारी सोच है एक इकोसिस्टम भारत में बने जिसके आधार पर एक क्रांति भारत में आए। इस क्रांति के 3 भाग हैं जिसमें पहला भाग व्यापार करने में आसानी हो, दूसरा भाग है जिसमें सारे फ़िज़ूल की स्वीकृति को निकालना और तीसरे भाग व्यापार में प्रवेश बाधाओं को हटाना।

विशेषज्ञों का कहना है कि नई ड्रोन नीति का उद्देश्य भारत में मौजूदा ड्रोनों को नियमित करना है। सभी ड्रोन प्रशिक्षण और परीक्षा एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी। डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा। अब यूनिक अधिकृत नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र ,मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन का प्राधिकरण, रिमोट पायलट लाइसेंस, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण, ड्रोन घटकों के लिए अनुमोदन समाप्त कर दिए गए हैं। ड्रोन के आयात को विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर भी विकसित किए जाएंगे।नए नियमों के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है, जिसमें अब भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियां ​​​​शामिल हैं।