क्यों पूर्वी येरूशलम में हुई हिंसा, क्या है इस्राइल और फिलीस्तान का मसला ?

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने क़ाबिज़ पूर्वी येरुशलम में जारी हिंसा और शेख़ जारा व सिलवान इलाक़ों में रह रहे फ़लस्तीनी परिवारों की उनके घरों से बेदख़ली की आशंका पर गहरी चिन्ता जताई है।

येरूशलम। जंग का मैदान बना हुआ है यरुशलम। यहां इजरायली सुरक्षाबलों और फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों के मध्य जंग जारी है। इस चर्चा तेज तब हुई जब फलस्तीनी लोगों पर इजरायली सुरक्षाकर्मियों ने स्टन ग्रेनेड दागे। और तो और इसकी गूंज कानों तक पहुंची, क्योंकि पवित्र रमजान के महीने में अल अक्सा मस्जिद में सभी एकत्रित हुए।

आज रमजान का 28 वां दिन है। आज अल अक्सा मस्जिद के अंदर इजरायली सुरक्षाकर्मी घुस गए। इतना भर नहीं उन्होंने वहां मौजूद फलस्तीनी लोगों पर रबर की गोली, आंसू गैस के गोले और साउंड बम दागे। इतना नहीं इजरायली हेलिकॉप्टर भी अल अक्सा मस्जिद परिसर के ऊपर मंडराते देखे गए। ऐसा अलजजीरा रिपोर्ट का कहना है।

बीते रविवार से इजरायली सुरक्षा बलों और फलस्तीनियों के बीच जंग चल रही है। यह पूर्वी यरुशलम शहर में हो रही है। जंग में दोनों पक्षों में तीव्र है। यह कहना गलत होगा कि ये कम है या दूसरा कमजोर। दोनों पक्ष मजबूत हैं। जंग में इजरायली अधिकारियों ने आंसू गैस के गोले और ‘स्टन ग्रेनेड’ दागे हैं। वहीं फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है।

‘यरुशलम दिवस’ से पहले मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए रविवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने कहा, ‘किसी भी चरमपंथी ताकत को यरुशलम में शांति को प्रभावित नहीं करने देंगे। हम निर्णायक रूप से और जिम्मेदारी से कानून एवं व्यवस्था लागू करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम सभी धर्मों के लोगों की पूजा-अर्चना करने की स्वतंत्रता जारी रखेंगे, लेकिन हिंसक गतिविधियों को अंजाम नहीं देने देंगे।’ अमेरिका ने भी यरुशलम में मौजूदा परिस्थितियों को लेकर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की है।

इस पूरे मामले में इजरायली पुलिस ने बताया कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर से पास ही सड़क पर पथराव किया गया। दूसरी ओर फलस्तीनियों का कहना है कि रमजान के इस पवित्र महीने में मस्जिद परिसर पर ‘स्टन ग्रेनेड’ दागे गए हैं। इसकी चपेट में 70 से ज्यादा लोग आए हैं। यह सभी लोग घायल हुए हैं।

ख़बरों के अनुसार, पिछले दो दिनों में फ़लस्तीनियों और इसराइली सुरक्षाकर्मियों के बीच अल-अक़्सा मस्जिद परिसर के इर्द-गिर्द झड़पें हुई हैं, जिनमें लगभग 200 फ़लस्तीनी और 17 इसराइली पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। यह इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में है, और यही जगह, यहूदियों के लिये भी सबसे पवित्र स्थल है जिसे टैम्पल माउंट कहा जाता है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाज़ी की, जिसके जवाब में पुलिसकर्मियों ने रबड़ की गोलियों, पानी की तेज़ बौछारों और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने क़ाबिज़ पूर्वी येरुशलम में जारी हिंसा और शेख़ जारा व सिलवान इलाक़ों में रह रहे फ़लस्तीनी परिवारों की उनके घरों से बेदख़ली की आशंका पर गहरी चिन्ता जताई है। ख़बरों के अनुसार बीती कुछ रातों से जारी हिंसक झड़पों में 200 से ज़्यादा फ़लस्तीनी और 17 इसराइली सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।