कोरोना के दौर में दिल्ली में डेंगू के 55 मामलों ने चिंता बढ़ाई

नई दिल्ली। पूरा देश कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है। राजधानी दिल्ली इस बात पर खुश हो रही है कि यहां कोरेना के दैनिक संक्रमण के मामले बेहद कम आ रहे हैं। वहीं, डेंगू ने दिल्लीवासियों को चिंता में डाल दिया है। सोमवार को जारी नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सात अगस्त तक मलेरिया के 24 और चिकनगुनिया के करीब 15 मामले भी सामने आ चुके हैं। मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के साथ तेज बुखार भी होता है और इसलिए डॉक्टरों को लगता है कि लोगों को संदेह हो सकता है कि उन्हें कोविड-19 हो गया है।

राष्ट्रीय राजधानी में इस साल डेंगू के 55 मामले आए हैं। नगर निगम द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। 2018 के बाद इस साल एक जनवरी से सात अगस्त की अवधि के दौरान डेंगू के मामलों की संख्या सबसे अधिक है। 2018 में इसी अवधि में डेंगू के 64 मामले आए थे।

रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त महीने में तीन मामले सामने आए। डेंगू के मच्छर साफ, ठहरे पानी में पनपते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। मच्छर जनित बीमारियों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच दर्ज किए जाते हैं, लेकिन यह अवधि दिसंबर के मध्य तक बढ़ सकती है।

इस साल सात अगस्त तक डेंगू के 55 मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी में कोई मामला नहीं आया जबकि फरवरी में दो, मार्च में पांच, अप्रैल में 10, मई में 12, जून में सात और जुलाई में 16 मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्षों में, इसी अवधि में 2016 में 171, 2017 में 251, 2018 में 64, 2019 में 47 और 2020 में 35 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि अब तक शहर में डेंगू से किसी की मौत की खबर नहीं है।

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति ने 29 जुलाई को डेंगू ब्रीडिंग चेकिंग (डीबीसी) स्टाफ के 710 पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। ईडीएमसी ने 24 जुलाई को डेंगू की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महीने का अभियान शुरू किया था। अन्य नगर निगमों ने भी मच्छर जनित बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अपने-अपने स्तर पर कदम उठाए हैं।