नई दिल्ली। महंगाई को लेकर देश में लोग परेशान हैं। आम आदमी महंगा सामान खरीदने को विवश है, तो राजनीतिक दल इसको लेकर बयानबाजी करने में मशगूल हैं। ऐसे में जब भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शशिकांत दास ने अपनी बातें रखीं, तो पूरा देश उनको गौर से सुना। अब उम्मीद की जानी चाहिए कि महंगाई पर सरकार की नजर गई है।
गुरूवार को भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गर्वनर शशिकांत दास ने कहा कि पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों का असर लागत पर होता है। इसका असर सिर्फ यात्रियों पर ही नहीं होता जो कार और बाइक चलाते हैं, इसका असर कई क्षेत्रों पर होता है।
आरबीआई के गवर्नर ने सरकार को तेल के दाम करने के उपाय बताए हैं। सरकार ने सुझाव को मान लिे तो जल्द ही सभी लोगों को एक बड़ी खुशखबरी सुनने को मिलेगी। शशिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा है कि पेट्रोल डीजल पर वसूले जा रहे इनडाइरेक्ट टैक्स में कटौती करके तेल के दाम कम किए जा सकते हैं। हालांकि पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि आर्थिक सुधारों और कैपिटल स्पेंडिग के लिए सरकार को टैक्स वसूलने पड़ रहे हैं। इस समय पेट्रोल की रिटेल कीमत में 60 फीसदी जबकि डीजल में 54 फीसदी हिस्सा टैक्स है। पेट्रोल-डीजल की कीमत में कटौती को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इन-डायरेक्ट टैक्स में कटौती का सुझाव दिया है।
Keynote address by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor in the 185th Foundation Day Celebration of BCC https://t.co/L1lO7K7xPJ
— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 25, 2021
शक्तिकांत दास ने कहा कि दिसंबर महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (फूड और फ्यूल छोड़कर) 5।5 फीसदी रहा है। कच्चे तेल की कीमत में लगातार उछाल आ रहा है जिसके कारण भी पेट्रोल और डीजल के रेट में बढ़ोतरी हो रही है। कीमत में तेजी के कारण महंगाई दर पर असर हो रहा है। ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ गया है, जिसके कारण हर सेक्टर तक इसकी आंच पहुंच रही है।
बता दें कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने शुक्रवार 26 फरवरी को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स , पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों और दूसरे मुद्दों के बीच ई-वे बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी भारत बंद की घोषणा की है। भारत बंद के लिए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के आह्वान पर प्रतिक्रिया देते हुए, देश के आठ करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 40,000 व्यापारिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। इसके अलावा संगठित सड़क परिवहन कंपनियों की सर्वोच्च संस्था, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने भी इस कारण से अपना समर्थन बढ़ाया और घोषणा की कि वे उसी दिन चक्का जाम भी करेंगे।