सरकार के बाद पुलिस के साथ बैठक भी रही बेनतीजा, ट्रैक्टर रैली निकालने पर उतारू हैं किसान

नई दिल्ली। किसान संगठनों का आंदोलन सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं साबित हो रहा है। जिस प्रकार से किसान संगठनों ने अपना रवैया अख्तियार किया हुआ है, उससे तो यही लग रहा है कि वे किसी भी सूरत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली निकालने का मन बना चुके हैं। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ हुई आज की बैठक में कुछ भी सकारात्मक नहीं निकला।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) एस एस यादव ने इस बैठक का समन्वय किया। यह बैठक सिंघू बॉर्डर के निकट मंत्रम रिजॉर्ट में हुई। बैठक में विशेष आयुक्त (विधि व्यवस्था-उत्तरी क्षेत्र) संजय सिंह, विशेष पुलिस आयुक्त (गुप्तचर) दीपेंद्र पाठक और दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बताया जाता है कि पुलिस अधिकारियों ने किसान संगठनों को इस बात के लिए मनाने का प्रयास किया कि वे ट्रैक्टर रैली बाहरी रिंग रोड की बजाय कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेस पर निकालें।

बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर सिंघु बाॅर्डर पर दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और किसान संगठनों के बीच बृहस्पतिवार को हुई। यह उनकी दूसरी चरण की बैठक थी, जो बातचीत बेनतीजा रहीं। कहा जा रहा है कि किसान नेता अपने इस रुख पर कायम रहे कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी रिंग रोड पर ही यह रैली निकाली जाएगी।

इस बैठक के बाद ‘स्वराज अभियान’ के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस चाहती थी कि किसान अपनी ट्रैक्टर रैली दिल्ली के बाहर निकालें। उनका यह भी कहना है कि हम दिल्ली के भीतर शांतिपूर्ण ढंग से अपनी परेड निकालेंगे। वे चाहते थे कि यह ट्रैक्टर रैली दिल्ली के बाहर हो, जो संभव नहीं है। वहीं, एक अन्य किसान नेता ने कहा कि सरकार चाहती है कि हमारी रैली दिल्ली के बाहर हो, जबकि हम इसे दिल्ली के भीतर आयोजित करना चाहते हैं। बैठक में दिल्ली पुलिस ने कहा कि आउटर रिंग रोड पर अनुमति देना मुश्किल है और सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं है। लेकिन हमने कह दिया है कि हम रिंग रोड पर ही रैली करेंगे। फिर उन्होंने (पुलिस) कहा कि ठीक है हम देखते है। कल हमारी पुलिस के साथ फिर बैठक होगी।