Delhi News, प्लास्टिक कचरा को रोकने के लिए सरकार ने उठाए नए कदम

दिशा-निर्देशों में एक ऐसा प्रारूप तैयार किया गया है, जिससे प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट की चक्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, प्लास्टिक के नये विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और व्यापार प्रतिष्ठान टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

नई दिल्ली। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत प्लास्टिक पैकेजिंग को लेकर विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के लिये दिशा-निर्देशों को अधिसूचित कर दिया है। विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व सम्बंधी दिशा-निर्देशों को सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजों पर पाबंदियों के साथ जोड़ा गया है। उल्लेखनीय है कि सिंगल यूज प्लास्टिक कम उपयोगी होता है और उसका कचरा बहुत जमा होता है। यह कदम एक जुलाई, 2022 से प्रभावी हो जायेगा। देश में प्लास्टिक के कचरे से पैदा होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है।

एक ट्वीट संदेश में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दिशा-निर्देशों के बारे में बताते हुये कहा कि इससे प्लास्टिक के नये विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये रोडमैप उपलब्ध होगा।

विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के तहत इकट्ठा किये जाने वाले प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट की री-साइकिल को न्यूनतम स्तर पर रखने का उपाय किया गया है। इसके साथ ही री-साइकिल किये गये प्लास्टिक को बार-बार उपयोग में लाया जायेगा। इस तरह प्लास्टिक की खपत को और कम किया जायेगा तथा प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट को री-साइकिल करने को प्रोत्साहन मिलेगा।

विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन सेक्टर के और विकास के लिये मार्ग प्रशस्त करेगा। पहली अहम बात यह है कि दिशा-निर्देशों से अतिरिक्त विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व प्रमाणपत्रों की बिक्री और खरीद की अनुमति मिल जायेगी तथा इस तरह प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिये एक बाजार प्रणाली स्थापित हो जायेगी।

विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व का कार्यान्वयन एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये किया जायेगा, जो पूरी प्रणाली की डिजिटल बुनियाद के रूप में काम करेगा। ऑनलाइन प्लेटफार्म में विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व की ट्रैकिंग तथा निगरानी उपलब्ध होगी। ऑनलाइन पंजीकरण और आय का वार्षिक ब्योरा जमा करने के जरिये कंपनियों का बोझ कम होगा। विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व की शर्तों को पूरा करने की निगरानी सुनिश्चित करने के लिये दिशा-निर्देशों में कंपनियों के खातों की पड़ताल तथा सत्यापन के बारे में प्रणाली तैयार की गई है।

दिशा-निर्देशों में यह व्यवस्था भी की गई है कि प्रदूषण पैदा करने वाले पर पर्यावरण जुर्माना लगाया जायेगा। इसके लिये विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के लक्ष्यों को पूरा न करने पर निर्माताओं, आयातकों और ब्रांड के स्वामियों पर जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार करना, उसकी सुरक्षा करने और प्रदूषण पैदा करने वाले कारकों को रोकना तथा नियंत्रित करना है। जमा निधियों का इस्तेमाल की हुई प्लास्टिक को इकट्ठा करने, उसे री-साइकिल करने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये जमा न किये जाने वाले प्लास्टिक का निपटारा करने के लिये किया जायेगा।

इसके अंतर्गत निर्माता, आयातक और ब्रांड स्वामी, जमा वापसी प्रणाली या पुनर्खरीद या किसी अन्य तरीके वाली परिचालन योजनायें चला सकते हैं, ताकि ठोस अपशिष्ट के साथ प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट के घालमेल को रोका जा सके।