National Girl Child Day : बेटियों की सुरक्षा और साक्षरता से ही होगा महिला सशक्तिकरण

देश में कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहांं बालिकाओं को सशक्त और सक्षम बनाने के लिए कई निर्णायक कदम उठाए गए हैं। इसके फलस्वरूप उन राज्यों की बेटियां कई मायनों में सशक्त हुई हैं। इसी क्रम में विगत 15 सालों में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं के हितों में कई उल्लेखनीय काम किये गए हैं।

भारत की कुल आबादी लगभग 135 करोड़ से अधिक है, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत महिलायें हैं। देश के विकास में हमेशा से महिलाओं का सराहनीय योगदान रहा है, उनके इसी योगदान को सुनिश्चित करने के लिए देश की हर लड़की का सशक्तिकरण ज़रूरी है।“कहते हैं, अगर एक बालिका को शिक्षा दी जाए तो पूरा परिवार शिक्षित होता है, पूरा समाज शिक्षित होता है।” इसलिए बेटियों के सशक्तिकरण के लिए उनके जन्म से लेकर उनकी शिक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित करना समाज के हर वर्ग की ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। आज भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भी बेटियों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है। वर्तमान समय में केंद्रीय स्तर पर राजनैतिक इच्छाशक्ति होने के बावजूद भी बेटियों के हित के लिए बनाई गई योजनाओं परिणाम पूरे देश में धरातल पर कम दिखाई दे रहा है। आज इन योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन के बीच की कड़ी को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। योजनाओं का लाभ प्रत्येक हितग्राही तक पहुंचाने केद्र एवं सभी राज्य सरकारों को तालमेल के साथ कार्य करने की जरूरत है।
शिवराज सरकार ने 2008 में “लाड़ली लक्ष्मी योजना” की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य बेटियों को बोझ समझने की कुरीति को समाप्त करना और उनको वास्तव में लक्ष्मी का स्वरूप समझने के प्रति जागरूकता को बढ़ाना था। अभी तक 40 लाख से अधिक बेटियां इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहीं हैं। इस योजना से प्रेरणा लेते हुए देश के 8 अन्य राज्यों ने भी इसका क्रियान्वयन प्रारम्भ किया है। बेटियों की सुरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य एवं उनके उत्तम भविष्य के प्रति समाज में जागरूकता को बढ़ाने के लिए प्रदेश में “पंख अभियान” प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश में बेटियों के साथ दुष्कर्म जैसे घिनौने कृत्य रोकने के लिए दोषियों को फास्ट ट्रैक अदालतों से फांसी की सजा दिलाने में राज्य सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाई है। मध्यप्रदेश महिलाओं की सुरक्षा के विषय में इस प्रकार ठोस कदम उठाने वाला देश का पहला राज्य है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा बेटियों के उत्थान के लिए वर्ष 2015 में “प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना” को प्रारम्भ किया गया। इस योजना का उद्देश्य बेटियों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना है। प्रदेश की बेटियों के प्रति संवेदनशील, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में, मध्यप्रदेश सरकार ने बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए 5.35 लाख से अधिक परिवारों को इस योजना से जोड़ कर भारत में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। मध्यप्रदेश में इस योजना के सफल होने का एक मुख्य कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बेटियों के प्रति विशेष स्नेह और राज्य सरकार के सफल प्रयास हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने समय-समय पर स्वयं प्रदेश की जनता को इस योजना के महत्त्व के बारे में बताया है, साथ ही लोगों को इस योजना से जुड़ने की अपील की है।
मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, यहां बहुत छोटे-छोटे गांव हैं । गांव की बेटियां बारहवीं कक्षा तक तो अपने गांव में रह कर पढ़ाई कर लेती हैं, लेकिन कॉलेज की पढ़ाई हेतु गांव से दूर जाना होता है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा “गांव की बेटी योजना” की शुरूआत की है। इस योजना के माध्यम से बेटियां अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप छात्रवृति 500 रूपए प्रतिमाह के हिसाब से 10 महीने तक प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है। इस योजना के क्रियान्वयन से बेटियां शिक्षित तो होंगी ही, साथ ही आत्मनिर्भर भी बनेगीं। शिवराज सरकार ने बेटियों को सशक्त,शिक्षित एवं आत्मरनिर्भर बनाने हेतु जो कारगर कदम उठाए हैं वो प्रदेश की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत आधारशिला साबित होंगे।