संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी को गिरफ्तार कर केंद्रीय मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की अपनी मांग पुरजोर तौर पर दोहराई। मोदी सरकार को नैतिक जिम्मेदारी लेने के साथ-साथ इसे नैसर्गिक न्याय के सरल सिद्धांत के रूप में करना जरूरी है, ताकि जांच प्रभावित न हो, लखीमपुर खीरी हत्याकांड के असली दोषियों और मास्टरमाइंडों को गिरफ्तार किया जा सके ताकि नागरिक अपनी सरकार को विश्वास और सम्मान की कुछ झलक के देख सकें। एसकेएम ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर लखीमपुर खीरी नरसंहार में न्याय की मांग पूरी नहीं की गई तो विरोध और तेज किया जाएगा।
देश के कई राज्यों में लखीमपुर खीरी नरसंहार के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए यात्राएं निकाली जा रही हैं। मध्य प्रदेश में शहीद किसान श्रद्धांजलि पदयात्रा की योजना बनाई गई है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में शहीद कलश यात्रा शुरू हो गई है।
गांधी जयंती पर बिहार के चंपारण में शुरू हुई लोकनीति सत्याग्रह किसान जन जागरण पदयात्रा अपने गंतव्य वाराणसी के करीब है। पदयात्रा अब तक 17 दिन की पैदल यात्रा पूरी कर चुकी है। यह आज सुबह गाजीपुर जिले के नैसरा से रवाना हुई और दोपहर तक बासुपुर पहुंची। यात्री आज रात गाजीपुर जिले के सिधौना में विश्राम करेंगे। पदयात्रा के अंतिम चरण में कल पैदल मार्च बनारस जिले में प्रवेश करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा से आज का प्रश्न है – ‘प्राकृतिक संसाधनों की अंधाधून लूट की छूट कब तक?’
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में कल भारी बारिश से धान, गन्ना, चना आदि जैसी तैयार फसलें बरबाद हो गईं। किसान अत्याधिक नुकसान से आक्रोशित हैं, और पूरे सीजन के निवेश और प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। किसानों के लिए मौजूदा जोखिम कवरेज के अपर्याप्त तंत्र को देखते हुए, चाहे वह ‘इनपुट सब्सिडी’ के रूप में आपदा मुआवजा हो, या फसल बीमा हो, किसानों को नुकसान का ख़मियज़ा भुगतना पड़ेगा। संयुक्त किसान मोर्चा सभी प्रभावित किसानों के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त मुआवजे का भुगतान करने की मांग करता है। उत्तर प्रदेश में जो किसान अपने कटे हुए धान को बाजार तक पहुंचाने में कामयाब रहे हैं, उन्हें व्यापारियों द्वारा लूटा जा रहा है। खरीद शुरू नहीं हुई है और किसानों को घोषित एमएसपी की तुलना में काफी कम कीमत मिल रही है। एसकेएम की मांग है कि किसानों की इस लूट को तुरंत रोका जाए और खरीद तत्काल शुरू की जाए।
इस बीच, पंजाब में कपास किसान सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद पंजाब के वित्त मंत्री के आवास के बाहर धरना दे रहे हैं। एसकेएम की मांग है कि सभी प्रभावित किसानों को तत्काल पर्याप्त मुआवजा (60000 रुपये प्रति एकड़) दिया जाए।