नई दिल्ली। महंगाई का मुद्दा सरकार बदलने के लिए काफी रही हैं। महंगाई पर जनता सडक पर उतरती है। हाल के दिनों में जिस प्रकार से जनता की जेब ढीली हो रही है, वह पूरे देश के लिए परेशानी का सबब है। पेट्रोल-डीजल के रोज बढते दामों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इसके बीच राहत की खबर आई है कि 5 राज्य सरकार ने अपने प्रदेशवासियों को राहत देने की मन बना लिया है।
असल में, सस्ते दामों में पेट्रोल और डीजल देने वाले राज्य राजस्थान, असम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और मेघालय हैं। सभी पांचों राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) को घटा दिया है। जिसके बाद इन राज्यों में बिक रहा पेट्रोल और डीजल बाकी राज्यों के मुकाबले सस्ता मिल रहा है। पेट्रोल और डीजल पर वैट सबसे पहले राजस्थान ने पिछले महीने जनवरी में घटाया था।
बता दें कि बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें पिछले 10 दिनों से लगातार बढ़ रही हैं और कुछ राज्यों में, पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से भी अधिक हो गई है। विपक्षी दलों ने भी डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया है। भुवनेश्वर में 3 कांग्रेस विधायक पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ने को लेकर साइकिल से विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस MLA अधिराज पाणिग्रही ने कहा,”अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल सस्ता है। UPA सरकार 120-122 रुपये में खरीदकर 70 में बेच रही थी। सरकार 50 रुपये में खरीदकर 90-92 में बेच रही है।”
नाना पटोले, महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि डीजल, पेट्रोल, गैस के दाम बढ़ाकर आप जैसे जनता की जेब काट रहे हो, देश और जनता को गरीब कर रहे हो, यह देश की जनता ने पहचान लिया है। इसलिए धर्मेंद्र प्रधान जी का झूठ का पिटारा कोई नहीं सुनेगा:
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार दबाव में है और भले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि सरकार कीमतें कम करने के लिए उत्पाद शुल्क घटाने पर विचार नहीं कर रही है पर असल में सरकार के अंदर इस पर विचार हो रहा है। जानकार सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क में कमी करके पेट्रोल और डीजल के साथ साथ रसोई गैस के सिलिंडर और विमानों के ईंधन की कीमत में भी कमी पर विचार कर रही है। ध्यान रहे प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों ने बढ़ती कीमतों को लेकर असहायता जताई है लेकिन जल्दी ही सरकार कुछ पहल कर सकती है।