मास्को। जिस प्रकार से रूसी सांसदों ने अपने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पूरा समर्थन किया और संसद में एकजुटता दिखाई है, उसके बाद इस बात की प्रबल संभावना है कि यूक्रेन ने जरा सी भी उलटबांसी की, तो उसे रूसी आक्रमण को झेलना होगा। रूसी संसद के उच्च सदन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में अलगाववादियों का समर्थन करने के लिए देश के बाहर सेना के इस्तेमाल को अनुमति दे दी है। रूसी राष्ट्रपति राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक दिन पहले यूक्रेन के विद्रोहियों वाले इलाकों की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। जिसके बाद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और भी ज्यादा गहरा गया।
बता दें कि रूसी संसद में देश के बाहर सेना के इस्तेमाल के लिए बकायदा मतदान हुआ। इस दौरान 153 रूसी सीनेटरों ने इस फैसले का समर्थन किया और किसी ने भी इससे परहेज करने की कोशिश तक नहीं की। हालांकि यूक्रेन ने इस फैसले का विरोध किया और कहा था कि वो किसी से भी नहीं डरता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि यूक्रेन किसी से नहीं डरता है।
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई आपात बैठक में सभी पक्षों से संयम बरतने और यूक्रेन विवाद के राजनयिक समाधान खोजने के हर प्रयास को बढ़ावा देने का आह्वान किया है। चीन का मानना है कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को हल करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत झांग जून ने यूक्रेन संकट के सभी महत्वपूर्ण पक्षों से ‘‘ उचित समाधान तलाशने के लिए बातचीत जारी रखने का आह्वान किया।’’ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तथाकथित ‘‘दोनेत्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’’ की “स्वतंत्रता” को मान्यता देने के बाद, अमेरिका और छह अन्य देशों के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार रात यूक्रेन विवाद पर आपात बैठक बुलाई थी।