सखी सैईयां तो खूबे कमात हैं महंगाई डायन खाये जात हैं…

शादी की धून में दुल्हेराजा बैलगाङी पर भी मुस्कुराते ही नजर आये। देवरिया से पकरी बाजार बहुत ज्यादा दूर नहीं है।

हिंदी फिल्म का ये गाना कभी काफी चर्चा में हुआ करता था और उस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी और भाजपाई कांग्रेस पर महंगाई को बढावा देने का आरोप भी लगा रहे थे । लेकिन आज स्थिति ठीक उलट है और केंद्र सहित देश के कई राज्यों में भाजपा की सरकार है और महंगाई इतनी है कि लोग अव शादी में वारात ले जाने की हिम्मत गाङीयों से नहीं कर रहे हैं। देश के सबसे बङे प्रदेश उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक परिवार ने अपने बेटे की शादी में बारात ले जाने के लिये बैलगाङी का सहारा लिया।

दरअसल, में देश में पेट्रोल शतक के पार हो चुका है तो वहीं डीजल शतक मारने को बेताब है ऐसे में अव एक मध्यमवर्गीय परिवार दर्जनों गाङीयों के साथ बारात कैसे ले जा सकता है लिहाजा परिवार के लोगों ने देवरिया से पकरी बाजार तक का बारातियों का सफर बैलगाङी से कर डाला । हालांकि शादी की धून में दुल्हेराजा बैलगाङी पर भी मुस्कुराते ही नजर आये। देवरिया से पकरी बाजार बहुत ज्यादा दूर नहीं है।  बढति महंगाई भले ही अव लोगों को पूराने जमाने में लौटने को विवश कर रहा हो लेकिन बैलगाङी से सफर का भी अपना ही मजा है।

हालांकि विपक्ष अव इसे भी मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा और इन कोशिशों के बीच आप एकवार फिर हिंदी फिल्म के उस गाने को गुनगुनाने को विवश हो जायेंगे की–” सखी सैईयां तो खूबे कमात हैं महंगाई डायन खाये जात हैं “।

बता दें कि तेल कंपनियां लगातार दाम बढाती जा रही है। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बढ़ने पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल हुआ है, हमें अपनी आवश्यकता का 80% तेल बाहर से लाना पड़ता है। कांग्रेस 2014 के पहले तेल बॉन्ड को लेकर हमारे ऊपर लाखों-करोड़ रुपये बकाया छोड़ कर गई जिसके कारण उसकी मूल और ब्याज राशि हमें अब चुकानी पड़ रही है, ये भी तेल के दाम बढ़ने का एक प्रमुख कारण है।