Jharkhand news : तो हेमंत सोरेन पर संकट के बादल घिर रहे हैं ?

नई दिल्ली। झारखंड की राजनीति में शुक्रवार की सुबह होते ही एक नया भूचाल आ गया। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम झारखंड और बिहार सहित कुल 18 जगहों पर छापेमारी शुरू कर चुकी है। कहा जा रहा है कि यह छापेमारी कोयला खनन को लेकर है। झारखंड में खनन मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर भी ईडी और अन्य एजेंसियों की नजर है। चर्चा है कि इस छापेमारी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कई मामले सामने आएंगे और इसको लेकर विपक्षी दल माहौल तय करेंगे। यानी झारखंड की सियासत में नया भूचाल देखने को मिल सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने झारखंड, बिहार, राजस्थान हरियाणा और एनसीआर के 18 जगहों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है। राजधानी रांची के पल्‍स हॉस्‍पीटल ईडी की टीम पहुंची है। हॉस्पिटल के अंदर केवल स्‍टाफ को ही इंट्री दी जा रही है। रांची में स्‍थित पल्‍स हॉस्पिटल के अलावा पंचवटी रेसिडेंसी, कांके रोड, चांदनी चौक, हरिओम टावर में भी ईडी की छापेमारी जारी है।

बता दें कि आईएएस पूजा के रांची के अलावा मुजफ्फपुर (बिहार) के ठिकानों पर भी ईडी छापेमारी कर रही है। केंद्रीय एजेंसी की यह कार्रवाई रामविनोद सिन्हा से जुड़े मामले में हो रही है। पूरा मामला मनरेगा घोटाले से जुड़ा है। रामविनोद खूंटी में जूनियर इंजीनियर थे, तब पूजा सिंघल खूंटी की डीसी थीं। झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि ईडी इस मामले में काउंटर एफिडेविट करे।

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्होंने पूजा सिंघल पर इतनी मेहरबानी क्यों की है ? पूजा सिंघल के खिलाफ रांची हाईकोर्ट में शिकायत भी गई है। पूजा सिंघल को जेएसएमडीसी के अध्यक्ष और खान सचिव दोनों पदों पर पदस्थापित किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। दोनों पदों पर उनकी नियुक्ति को नियम विरूद्ध बताते हुए किसी एक ही पद पर पदस्थापित करने का आग्रह हाईकोर्ट से किया गया है।