इस बार कुंभ के दिनों की संख्या घटाई गई, कोरोना निर्देशों के पालन पर रहेगा जोर

हरिद्वार। कोरोना में कुंभ का सफल आयोजन कराना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार विभागीय अधिकारियों के साथ इसको लेकर बात कर रहे हैं। कोरोना की अनदेखी नहीं की जा सकती है और न ही कुंभ के आयोजन को टाला जा सकता है। इसलिए शासन प्रशासन की ओर से तय किया गया है कि इस बार हरिद्वार के कुंभ के दिनों की संख्या कम कर दी जाए। इस बार यह आयोजन 60 दिन के बजाए 48 दिन का होगा।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि कुंभ से पहले पड़ने वाले चारों स्नानों को कोविड मानकों का पालन कराने के साथ संपन्न कराया जाएगा। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि कुंभ मेला 48 दिन का होगा। उन्हाेंने कहा कि कुंभ 48 नहीं 60 दिन का होगा। 27 या 28 फरवरी तक अधिसूचना जारी हो जाएगी। स्नान की तिथि से पांच दिन पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर सकेंगे।

बता दें कि कोरोना काल में महाकुंभ का कैसा स्वरूप होगा ? इस सवाल के जवाब में संत किशोरी शरण जी महाराज ने कहा कि ऐसा नहीं कि ऐसी विकट परिस्थिति पहली बार आई है। आज से पहले भी ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियां रहीं हैं। लेकिन संत समाज ने अपनी परंपरा का निर्वाह किया है। श्रद्धालुओं ने भागीदारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पांच ऐसे मौके आए जब कुंभ के दौरान प्लेग महामारी का साया रहा। वर्ष 1844, 1855, 1866, 1879 और 1891 का कुंभ मेला महामारी के बीच संपन्न कराया गया था। वर्ष 1844 में हुए कुंभ में ब्रिटिश सरकार ने बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी थी। अन्य कुंभ को सख्ती बढ़ाकर संपन्न कराया गया। वहीं, 155 साल पहले 1866 में हुए कुंभ के दौरान पहली बार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया था।