केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया 22वें भारत रंग महोत्सव 2023 का उद्घाटन

13 दिवसीय भारत रंग महोत्सव में अंग्रेजी, हिंदी और अन्य भाषाओं में नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। आगामी 21 फरवरी को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व छात्र एवं प्रख्यात कलाकार पंकज त्रिपाठी भी 22वें भारत रंग महोत्सव में शामिल होंगे।

नई दिल्ली। आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तत्वावधान में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD), संस्कृति मंत्रालय, सरकार भारत ने नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में 22वें भारत रंग महोत्सव 2023 का शुभारंभ किया। अंतरराष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव के समारोह का उद्घाटन संसदीय मामलों और संस्कृति राज्य मंत्री, भारत सरकार, श्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात अभिनेता और एनएसडी सोसायटी के अध्यक्ष, श्री परेश रावल, विशेष अतिथि अभिनेत्री और सीबीएफसी बोर्ड के सदस्य सुश्री वाणी त्रिपाठी, और विशिष्ट अतिथि पूर्व निदेशक, एनएसडी पद्मश्री अवार्डी श्री राम गोपाल बजाज द्वारा किया गया।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो. रमेश चंद्र गौड़ ने स्वागत संबोधन में 22वें बीआरएम 2023 के उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाले रंगमंच के अन्य प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
यह प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच फेस्टिवल 14 फरवरी से दिल्ली समेत जयपुर, राजमुंदरी, रांची, गुवाहाटी, जम्मू, श्रीनगर, भोपाल, नासिक और केवडिया में आयोजित किया जाएगा। इसका समापन 26 फरवरी, 2023 को होगा, जिसमें 80 नाटकों से युक्त विविध प्रकार के प्रोडक्शन होंगे, और रंगमंच समुदाय के दिग्गजों द्वारा निर्देशकों की बैठक, लिविंग लीजेंड, बुक लॉन्च, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी और मास्टर क्लास जैसे संबद्ध कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रो. रमेश चंद्र गौड़ ने उद्घाटन समारोह में प्रतिष्ठित अतिथियों का स्वागत किया और रंगमंच के सदस्यों को उनकी सम्मानित उपस्थिति के साथ इस अवसर पर शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने नई दिल्ली और 9 अन्य शहरों में आयोजित होने वाले थिएटर शो और ‘लिविंग लीजेंड’ और ‘मास्टर क्लास’ जैसे संबद्ध कार्यक्रमों के दौरान होने वाले विभिन्न नाटकों के बारे में विस्तार से चर्चा किया।

अभिनेत्री और केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की सदस्य सुश्री वाणी त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा, “यह कोर रंगमंच और कलात्मक कौशल के उज्ज्वल भविष्य करने के लिए एक अभूतपूर्व मंच है। 22वें भारत रंग महोत्सव के दौरान युवा कलाकारों को देश के विभिन्न हिस्सों के सह-अभिनेताओं से मिलने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिलता है।”
पूर्व निदेशक एनएसडी और पद्मश्री अवार्डी श्री राम गोपाल बजाज ने कहा, “रंगमंच की शुरुआत के बाद से, लाइव प्रदर्शन कला (नृत्य, संगीत, अभिनय/नाटक) भी स्थापित किया गया है। स्वर और व्यंजन से युक्त एक विकसित भाषा वाला एक वाद्य यंत्र वोकल्स मूल रूप से भावनाओं और भावनाओं को व्यक्त करते हैं जबकि व्यंजन रूप और विचार/ज्ञान का संचार करते हैं। मैं ग्रामीण जमीनी स्तर पर इसे लागू करने और बढ़ावा देने की अपील करता हूं।
एनएसडी सोसाइटी के अध्यक्ष श्री परेश रावल ने अपने संबोधन में कहा, “भारत रंग महोत्सव 2023 रंगमंच के प्रेमियों के लिए नाटकों के क्षेत्र में अपनी कलात्मक शक्ति दिखाने के लिए सबसे अच्छे अवसरों में से एक है। मैं पिछले 43 वर्षों से रंगमंच में पेशेवर रूप से प्रदर्शन करता आया हूँ। चूंकि मैं अभी भी नाटकों में प्रदर्शन करता हूं, मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मैंने थिएटर छोड़ दिया है। मैं मंच प्रदर्शन कभी नहीं छोड़ूंगा। थिएटर, फिल्मों के विपरीत, आपको एक अभिनेता के रूप में नई चीजों को आजमाने के लिए प्रेरित करता है। इसके अलावा, जब मैं नाटक करता हूं तो मैं अपने जीवन के सभी अनुभवों को अपने प्रदर्शन में उपयोग करता हूँ। रंगमंच जीवंत प्रदर्शन की सुंदरता और आकर्षण है। फिल्में पैसे कमा सकती हैं, पर वे उस खुशी और संतुष्टि को प्रतिस्थापित नहीं कर सकती हैं जो रंगमंच प्रदर्शन से आती हैं।”
माननीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा, “रंगमंच भारतीय प्राचीन चेतना के प्रति जागरूकता बढ़ाने और हमारे भारत की सांस्कृतिक विरासत की विविधता को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। रंगमंच हमें यह बताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि हमें एक राष्ट्र और समुदाय के रूप में कैसा होना चाहिए। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनने की राह पर है और धीरे-धीरे दुनिया के लिए मार्गदर्शक बन रहा है। इस यात्रा में भारतीय संस्कृति अहम भूमिका निभाएगी। वसुधैव कुटुम्बकम की हमारी नीति की सराहना समूचे विश्व ने की है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भारत रंग महोत्सव ने पिछले साल राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव के नाटकों में स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महान व्यक्तियों की कहानियों को शामिल किया था। यह मंच भारत के युवाओं के लिए रंगमंच की दुनिया से रूबरू करने का अहम मौक़ा है।”
श्री मेघवाल ने रंगमंच के युवाओं से गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों एवं वीरों की जीवनी पर नाट्य कला करने का आग्रह किया। वीर स्वतंत्रता सेनानी दुर्गा भाभी (दुर्गावती देवी) का उल्लेख करते हुए श्री मेघवाल ने वीरांगना की वीरगाथा पर भी नाटक बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, “दुर्गा भाभी ने आजादी की लड़ाई में ब्रिटिश सरकार को देश से बाहर खदेड़ने के लिए सशस्त्र क्रांति में सक्रिय भागीदार थीं। जब वह भगत सिंह और उनके दल में शामिल हुईं तो उन्हें आजादी के लिए लड़ने का मौका भी मिल गया। मैं सभी युवाओं से आग्रह करता हूँ कि रंगमंच के माध्यम से दुर्गा भाभी की कहानी सभी भारतीय को बताई जाए।“

उद्घाटन समारोह की शरुआत कोलकाता स्थित थिएटर ग्रुप चेतना द्वारा 140 मिनट के प्रसिद्ध बंगाली नाटक “जगन्नाथ” से किया गया। इस नाटक का निर्देशन अरुण मुखर्जी द्वारा किया गया और लू शुन ने लिखा। 22वें बीआरएम के दौरान ‘कथा एक कंस की’, ‘जौन एलिया का जिन’, ‘विट्टन (बर्टोल्ट ब्रेख्त)’, ‘शकुंतला’ (कालिदास), ‘इंदर सभा’, ‘इसी दिन इसी वक्त’, ‘जीना इसी का नाम है’, ‘वेलकम जिंदगी’, ‘जुगी तत्रियो’ और कई अन्य शास्त्रीय नाटकों का प्रदर्शन किया जाएगा। नाटकों के साथ-साथ, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय परिसर में कई अन्य प्रदर्शन आयोजित किये जाएँगे। इसमें नुक्कड़ नाटक, निर्देशकों से मुलाकात, पुस्तक विमोचन, और रंगमंच समुदाय के सम्मानित व्यक्तियों द्वारा मास्टर कार्यशाला शामिल है।