नई दिल्ली। सिर से पांव के अंगूठे तक आपको फिट होना है, पर जिम आपको कोई खास रिजल्ट नहीं दिखा रहा। सिर्फ वेट लॉस में नहीं। बीमिरायां भी ज्यों की त्यों हैं। जिम में इतना पसीना बहाते हैं, पर कोई असर आप पर नहीं दिखता। तो घबराएं नहीं। इसका समाधान है कपालभाति प्राणायाम। योगियों ने कहा है कि इस प्राणायाम से हमारे मस्तिष्क या फिर सिर के अग्र भाग में रोशनी प्रज्जवलित होती है और हमारे अग्र भाग की शुद्धि होती है।
ऐसे करें कपालभाति प्राणायाम
इसे कपाल शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है। सबसे पहले ज़मीन पर पद्मासन या फिर सुखासन की अवस्था में बैठें। फिर पूरे बल से नासिका से सांस को बाहर फेंकें। श्वास लेने का प्रयास न करें, श्वास स्वतः आ जाएगा। जब श्वास बाहर निकलेगा उसी समय हम अपने पेट का संकुचन करेंगे। पहले धीरे-धीरे इसका अभ्यास करें, उसके बाद धीरे-धीरे श्वास छोड़ने और पेट के संकुचन की गति बढ़ा दें। शुरू-शुरू में नए अभ्यासी कम से कम 20 चक्रों का अभ्यास करें। एक सप्ताह उपरांत 50 चक्रों तक अभ्यास को बढ़ा दें। ध्यान रहे कमर और गर्दन सीधी हो, आंखें बंद (या खोलकर भी अभ्यास कर सकते है) हो। दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में हो।
स्किन बनाएगा ग्लोइ्रंग, वेट लॉस, कई फायदें
- इस प्राणायाम के अभ्यास से नाक, गले एवम् फेफड़े की सफाई होती है, चेहरे पर कांति और ओजस्व आता है।
- इस प्राणायाम के अभ्यास से मोटापा दूर होता है।
- इसे करने से चेहरे की झुर्रियां, दाग, फुन्सी आदि दूर होते हैं।
- कपालभाति प्राणायाम से ईडा नाड़ी और पिंगला नाड़ी की शुद्धि होती है।
- दमा, तपेदिक, टाईसिल / टाउंसिल आदि के विकार दूर हो जाते हैं।
- महिलाओं में गर्भाशय के विकार, मासिक धर्म सम्बंधि कठिनाई और गर्भाशय जनित दोष दूर होते है।
- यह प्राणायाम पाचन संस्थान को मजबूत बनाता है तथा नर्वस सिस्टम में संतुलन लाता है।
- इससे कपाल की नस-नाड़ियों की शुद्धि होती है, इसलिए इसके अभ्यास से ध्यान की एकाग्रता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति तनावमुक्त होता है।