नई दिल्ली। योग मुद्रा सटीक तरीके से करने के लिए आप सबसे पहले जमीन पर दोनो पैरों को सीधे फैलाकर बैठ जाऐं। उसके बाद दांए पैर को मोड़कर बांऐ पैर की जंघा पर रखें और बांऐ पैर को मोड़कर दांऐ पैर की जंघा पर रखकर पद्मासन में स्थित हो जाऐं। अब दांऐ हाथ से बांऐ हाथ की कोहनी और बांऐ हाथ से दांऐ हाथ की कोहनी को पकड़ें। गर्दन, पीठ और कमर बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। लम्बी गहरी श्वास भरें, अब श्वास को निकाल कर धीरे-धीरे कमर के भाग को झुकाते हुए आगे की ओर इतना झुकें कि हमारा माथा ओर थोडी जमीन को छुऐ। नीचे झुकते वक्त श्वास की गति समान्य होनी चाहिए। जितनी देर आप आसानी पूर्वक इस अवस्था में रूक सकते हैं रूकें और फिर धीरे-धीरे वापस आऐं। यह इस आसन का एक चक्र हुआ। कम से कम 3 बार इसका अभ्यास करें।
लाभ व प्रभाव – इस आसन के अभ्यास से छाती, श्वास और गले के सभी रोग दूर होते हैं। इससे चेहरे पर लालिमा, कान्ति आती है। इससे सम्पूर्ण शरीर को सुडोलता व लचीलापन प्राप्त होता है, आँखों की ज्योति बढ़ती है। माथा जमीन पर लगाने से आज्ञाचक्र माथे के बीचो-बीच पर विशेष प्रभाव पड़ता है, जिससे मनुष्य ध्यान की अवस्था में आ जाता है इससे मानसिक रोग, तनाव, अनिद्रा, अल्जाईमर और पर्किन्सन जैसी बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है। इस आसन से ध्यान, चेतना, आनन्द, एकाग्रता आदि सहजता से प्राप्त किया जा सकता है। बदहजमी, कब्ज, पेट की गैस, डायबटीज और मोटापे को भी दूर करता है।
सावधानियां – उच्च रक्तचाप, साईटिका, हृदय रोगी और आंखो की बहुत ज्यादा समस्या से ग्रसित लोगों और गर्भवति महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।