नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मसले पर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार और हमला किया है। इंडियन नेशनल कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) का नाम बदल कर ‘‘आई नीड कमीशन’’ कर दिया जाना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेतृत्व पर करारा हमला किया, खासकर उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर, और आरोप लगाया कि वह ‘‘अफवाह, झूठ और भ्रामक सूचनाएं’’ फैलाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इटली से राहुल गांधी जी जवाब दें कि राफेल को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश आपने और आपकी पार्टी ने इतने वर्षों तक क्यों की ?’’
रांस की एक मीडिया रिपोर्ट में वर्ष 2007 से 2012 के बीच भारत से राफेल विमान करार के लिए दलाली दिए जाने के खुलासे का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब सत्ता में थी तब यह सौदा इसलिए विफल हो गया था क्योंकि वह दलाली के तहत मिलने वाली राशि से संतुष्ट नहीं थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सरकारी आवास की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार ‘‘बेघर’’ हो गया है और इसका पता है 10, जनपथ। कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि सरकार ने मामले को रफा दफा करने का अभियान चला रखा है। पार्टी ने मांग की है कि सरकार ने अभी तक इस पूरे प्रकरण की जांच क्यों नहीं करवाई।
INC means- ''I Need Commission''
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, रॉबर्ट वाड्रा सब कहते हैं- I Need Commission.
जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला, टाट्रा ट्रक घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, जहां कमीशन वहां कांग्रेस है।
– डॉ. @sambitswaraj pic.twitter.com/CIiBji1R3U
— BJP (@BJP4India) November 9, 2021
ज्ञात हो कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राफेल सौदे में दलाली के आरोप लगाते रहे हैं। मीडियापार्ट की पड़ताल के अनुसार, दसॉल्ट एविएशन ने 2007 और 2012 के बीच मॉरीशस में बिचौलिए को रिश्वत का भुगतान किया। कांग्रेस के नेतृत्व में 2004 से 2014 तक केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी। इसके बाद केंद्र में मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी। राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को भारतीय वायु सेना के लिए 36 राफेल जेट विमान खरीदने का सौदा किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस राफेल करार को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करती रही है लेकिन सरकार आज तक इसके लिए राजी नहीं हुई। राफेल सौदे को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही है। उसने सरकार पर सौदे में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा था कि सरकार प्रत्येक विमान को 1,670 करोड़ रुपये से अधिक कीमत पर खरीद रही है, जबकि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने इसे 526 करोड़ रुपये में अंतिम रूप दिया था।
भाजपा सरकार राफेल घोटाले पर पर्दा ढकने की जितनी मर्जी कोशिश कर ले, लेकिन खुलासों की हवा भाजपाई भ्रष्टाचार के मामलों से हर पर्दे को हटा देगी।#RafaleBJPCoverUpExposed pic.twitter.com/semtsvZVAV
— Congress (@INCIndia) November 9, 2021
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए पात्रा ने कहा कि निश्चित तौर पर कांग्रेस और गांधी परिवार की असंतुष्टि ही थी जिसकी वजह से संप्रग सरकार के दौरान यह सौदा तय नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि मीडियापार्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘संप्रग शासन के दौरान ‘‘भ्रष्टाचार, प्रभाव और पक्षपात’’ था। उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आईएनसी का नाम आई नीड कमीशन’ कर दिया जाना चाहिए।’’ पात्रा ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राबर्ट वाड्रा…सभी कहते हैं कि उन्हें कमीशन चाहिए।’’ संप्रग सरकार में हर करार के भीतर एक करार होता था।