लालू मुलायम की हुई मुलाकात, कहीं नए राजनीतिक मोर्चे का आगाज तो नहीं

खेत-खलिहान,ग़ैर-बराबरी, अशिक्षा,किसानों,गरीबों व बेरोजगारों के लिए हमारी सांझी चिंताएँ और लड़ाई है। आज देश को पूंजीवाद और सम्प्रदायवाद नहीं बल्कि लोकसमता एवं समाजवाद की अत्यंत आवश्यकता है।

नई दिल्ली। आम जनता से यदि यह पूछा जाए कि अभी महंगाई आदि का मुद्दा सुलझ क्यों नहीं रहा है, तो अधिकतर लोग कहते हैं कि सशक्त विपक्ष नहीं है। संसद में भले ही गतिरोध हो, लेकिन केंद्र सरकार की सेहत पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। सरकार अपने हिसाब से निर्णय लेती है और विपक्ष कुछ नहीं कर पा रहा है। ऐसे में भारतीय राजनीति के दो दिग्गजों का मिलना, बहुत कुछ सियासी संकेत दे रहा है।

सोमवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से मिले हैं। करीब 40 मिनट की मुलाकात रही। मुलकात में क्या बातें हुईं, यह सार्वजनिक नहीं हो पाई है। इस बैठक में मुलायम सिंह यादव के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। भले ही दोनों परिवार इसे औपचारिक मुलाकात कहे, लेकिन राजनीति के दो दिग्गज मिले और सियासत की बात न हो, इसे कोई स्वीकार नहीं कर सकता है।
असल में, लंबे समय से राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव धीरे-धीरे सक्रिय हो रहे हैं। बिहार की राजनीति में जिस प्रकार से राजद के विधायक सक्रिय हो रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार सरकार पर हमलावर हो रहे हैं, उसके पीछे कहीं न कहीं लालू यादव का प्रत्यक्ष होना है।

लालू यादव अब जेल से बाहर हैं, तो चुप नहीं रह सकते हैं। राजनीति तो होगी। तभी तो मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की तस्वीरें उनकी ओर से ही सार्वजनिक की गई है। लालू यादव ने मुलाकात की तस्वीरें ट्वीट करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना भी साधा। गौर करने योग्य यह है कि जेल से बाहर आने के बाद पहली बार खुद लालू यादव किसी से मिलने पहुंचे हैं। इस मुलाकात के बाद केंद्र और बिहार की सरकारों के किंग मेकर रहे लालू को लेकर कई तरह की कयासबाजी शुरू हो गई है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के रणनीतिकारों के भी कान खड़े बताए जा रहे हैं।

कई साल तक जेल में रहने और जमानत पर बाहर आने के बाद से लालू यादव दिल्ली में ही बेटी मीसा यादव के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इससे पहले लालू यादव एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात कर चुके हैं। भले ही लोकसभा चुनाव में भले ही अभी तीन साल का वक्त बचा हो लेकिन विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं। कांग्रेस, टीएमसी, राजद समेत अन्य दलों के नेता आपस में लगातार मिल रहे हैं। इसी दौरान आज लालू यादव की मुलायम से मुलाकात ने लोकसभा चुनाव के साथ ही अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन के नजरिये से देखा जा रहा है।