सुशासन, सुरक्षा के साथ बदल रहा है उत्तर प्रदेश का माहौल

हर घर तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य से न सिर्फ पावर बल्कि कई अन्य सेक्टर की कंपनियों को भी फायदा होगा। एक बड़ा सवाल है। क्या गांवों तक बिजली पहुंचा देने से ग्रामीण परिवारों की आमदनी बढ़ेगीॽ यह बात तो तय है कि इससे तमाम सेक्टर और कंपनियों को सीधा फायदा होगा।

देश में राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद खास स्थान रखने वाले उत्तर प्रदेश लगातार अपने आयाम को बढ़ाता जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते छह साल के अपने कार्यकाल में कई मानक गढ़े हैं। उत्तर प्रदेश की चर्चा और देश ही नहीं, विदेश में हो रही है। अंतर्राष्ट्ीय स्तर के कई आयोजनों की पृष्ठभूमि लिखी जा रही है। अगले साल जी20 की बैठक की मेजबानी के लिए भी उत्तर प्रदेश तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 20 देशों के मुखिया एकसाथ होंगे। 
इसके इतर, योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश ग्लोवल इवेस्टर समिट की तैयारी पूरे जोर-शोर से कर रहा है। कई विभागों के आला अधिकारी विदेशों में रोड शो कर रहे हैं। इसका मकसद केवल और केवल एक ही है कि आर्थिक रूप से संपन्न देशों के सामने उत्तर प्रदेश की छवि बेहतर हो। उत्तर प्रदेश में निवेशक आएं। निवेश आएगा तो राज्य की माली हालात में सुधार आएगी। रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। युवाओं का भविष्य बेहतर होगा। 

यह सत्य है कि निवेशक उसी राज्य में आते हैं, जहां का वातावरण उनके अनुकूल हो। मूलभूत सुविधाएं मसलन – सड़क, बिजली, श्रम, कानून व्यवस्था आदि बेहतर हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केंद्र सरकार के सहयोग से इन सब मोर्चों पर काम कर रहे हैं। बीते 6 साल के योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल को देखा जाए तो कानून व्यवस्था पर बेहतर काम किया गया है। इसकी चर्चा हर ओर हो रही है। और तो और, हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव में भी स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों के सामने उत्तर प्रदेश मॉडल की चर्चा की। गुजरात जैसे विकसित राज्य में उत्तरप्रदेश के मॉडल की चर्चा ही इस बात का द्योतक है कि आर्थिक निवेश के लिए राज्य में अनुकूल माहौल है। राज्य सरकार आम जनता ही नहीं, निवेशकों के लिए भी बेहतर माहौल बना रही है। निमंत्रण दिया जा रहा है कि निवेशक आएं, व्यापार करें और मुनाफा कमाएं। 
कुछ वर्ष पहले तक हिंदी पट्टी राज्यों में निवेशक के लिए पर्याप्त माहौल नहीं था। न तो सरपट भागने वाली उन्नत सड़कें थीं और न ही मशीनों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए पर्याप्त बिजली थी। योगी आदित्यनाथ ने इन दोनों मोर्चो पर केंद्र सरकार के साथ मिलकर बेहतर काम किया। परिणाम दिख रहा है। राज्य में सड़कों का जाल बिछ छुका है। अपेक्षाकृत पूर्वांचल इलाके में भी एक्सप्रेस वे बन जाने से व्यापारियों की बांछें खिल रही हैं। बिजली की उपलब्ध करीब 24 घंटे हो चुकी है। बिजली होने से न केवल कारखानों के मशीनों के लिए सुविधा होती है, बल्कि अंधेरे में कानून व्यवस्था को नियंत्रित रखने में भी सहूलियत होती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत हर गांव तक बिजली की पहुंच हो चुकी है। एलईडी बल्व से गांव की पगडंडियां रोशन हुई हैं।

बीते बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के संबंध में घोषणा भी की है। अगले 3 साल में सरकार का लक्ष्य सभी के घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का है। इसके लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना लाई जा रही है। बजट घोषणा के अनुसार, बिजली की चोरी रोकने के लिए आने वाली 1 अप्रैल से प्रत्येक घर में प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य हो जायेगा । केंद्र सरकार ने 2023 का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद लोगों को बिना मीटर को रिचार्ज कराए घर में बिजली की सप्लाई नहीं मिलेगी। यह भी माना जा रहा है कि एक मीटर के लिए उपभोक्ता को करीब दो हजार रुपए का भुगतान करना होगा।
इस प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लगाने के लिए राज्य सरकार के बिजली विभाग की अगुवाई में कई कंपनियां काम कर रही है। जाहिर सी बात है कि जब भी नई तकनीक आती है, उसको लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां भी आती हैं और उसके व्यवहार पक्ष में भी दिक्कत आती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग और केंद्र सरकार की एजेंसी भी काम कर रही है। हाल ही में केंद्रीय उर्जा सचिव आलोक कुमार ने भी राज्य का दौरा किया और संबंधित लोगों से बात करके समस्याओं के समाधान के लिए बैठकें कीं।