West Bengal Election : क्या सौरव गांगुली आएंगे राजनीति में ?

जब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट कंट्ोल बोर्ड यानी बीसीसीआई की कमान संभाली और उनके सहयोगी के रूप में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह आए, तभी से इनके भाजपा में आने की अटकलें तेज हो गई।

नई दिल्ली। कोलकाता के प्रिंस कहे जाने वाले सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) क्या 22 गज के पिच के बाद सियासी पिच पर भी अपनी किस्मत आजमाएंगे ? यह सवाल पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति में तेजी से उमड-घुमड रहा है। हाल ही में जिस प्रकार से बाॅलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने भाजपा का दामन थामा है, उसके बाद यह सवाल फिर से सामने आ गया है।

भाजपा (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘सौरभ गांगुली सामान्य गतिविधियों में लौट आए हैं। यदि वह आते हैं तो लोग पसंद करेंगे। लेकिन हम नहीं जानते कि उनका फैसला क्या है। इसे लेकर उन्हें ही निर्णय लेना है।’

वैसे, इस बात की संभावना काफी समय से बताई जा रही है। सौरव गांगुली की ओर से अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। दरअसल, जब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट कंट्ोल बोर्ड यानी बीसीसीआई (BCCI) की कमान संभाली और उनके सहयोगी के रूप में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह आए, तभी से इनके भाजपा में आने की अटकलें तेज हो गई। बता दें कि सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) बीसीसीआई के अध्यक्ष और जय शाह सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हंै।

हाल ही में जब सौरव गांगुली कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती थे, तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल चाल पूछा था। कई केंद्रीय मंत्रियों ने तीन दिनों के अंदर अस्पताल जाकर कुशलक्षेम लिया था। इस लिहाज से इतना तो तय है कि भाजपा और सौरव गांगुली के बीच अच्छा संबंध है।

गौर करने योग्य यह भी है कि सौरभ गांगुली के दोस्त और सीपीएम (CPM) नेता अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि सौरभ गांगुली राजनीति में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, ‘सौरभ गांगुली का आज मुझे कॉल आया था। उन्होंने कहा कि मैं उसी से जुड़ा रहूंगा, जो काम मैं कर रहा हूं। मैं राजनीति में एंट्री नहीं करना चाहता।’