Assembly Election 2022 : डिजिटल दुनिया पर भी दारोमदार, cVIGIL मोबाइल ऐप रहेंगे बेहद महत्वपूर्ण

जिस राज्य में भी चुनाव होने हैं, वहां आचार संहिता लागू होते ही इस ऐप का इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है। चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से वोटिंग खत्म होने तक कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत cVIGIL ऐप के जरिए चुनाव आयोग को भेज सकता है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कोरोना महामारी और चुनाव की निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए डिजिटली भी बहुत कुछ पर निगरानी की जाएगी। हर चुनावी रैली कैमरे की जद में होगी। चुनाव आयोग की तीसरी आंख के रूप में कैमरा काम करेगी। इसके साथ ही केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से कुछ एप्स पर भी भरोसा होगा।

आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी know your candidate एप पर उपलब्ध होगी। Suvidha Candidate एप सक्रिय रहेगा। ये राजनीतिक दलों के लिए है। उन्हें किसी दफ्तर में जाकर रैली वगैरह के लिए इजाजत नहीं मांगनी होगी। वे इस एप के जरिए उपलब्धता देख सकेंगे। Cvigil एप का इस्तेमाल आम जनता और मतदाता कर सकेंगे। किसी भी गड़बड़ी की फोटो खींचकर इस एप पर अपलोड की जा सकेगी। 100 मिनट के अंदर चुनाव आयोग की टीम वहां पहुंचकर जरूरी कदम उठाएगी.

बता दें कि करीब 4 साल पहले ही cVIGIL मोबाइल ऐप को लॉन्च किया गया था। इस ऐप के जरिए चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी वोटर दे सकते हैं। ये ऐप सभी एंड्रॉयड यूजर्स के लिए मौजूद है और इसके लिए स्मार्टफोन में कैमरा और जीपीएस एक्सेस की जरुरत होगी।आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी देने के लिए फोटो या 2 मिनट तक का वीडियो ऐप पर अपलोड कर सकते हैं। फोटो या वीडियो अपलोड होते ही उस जगह की लोकेशन भी पता चल जाएगी।
अपलोड होने के बाद यूजर को एक यूनिक आईडी मिलेगी, जिसके जरिए वे मोबाइल पर ही फॉलोअप ट्रैक कर सकते हैं। शिकायत करने वाले यूजर की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा।
पहले से रिकॉर्डेड वीडियो या फोटो को अपलोड करने की ऐप इजाजत नहीं देगा, ताकि ऐप का दुरुपयोग होने से रोका जा सके। इसके अलावा cVIGIL ऐप के जरिए रिकॉर्ड किए गए वीडियो या फोटो भी फोन गैलेरी में सेव नहीं होंगे। शिकायतकर्ता जो भी वीडियो या फोटो भेजा, उसे 5 मिनट के अंदर स्थानीय चुनाव अधिकारी के पास भेज दिया जाएगा। अगर उसकी शिकायत सही होगी तो 100 मिनट के अंदर ही उस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।