अजय देवगन और शरवरी को लेकर इम्तियाज़ अली की बनाई फिल्में करेंगी पर्यावरण संरक्षण के प्रति Aware

 

नई दिल्ली। पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित करने के अपने मिशन को जारी रखते हुए हंगामा डिजिटल मीडिया ने भामला फाउंडेशन और बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (बीएमसी) के साथ शानदार पहल टिक टिक प्लास्टिक 3.0 (Tik Tik Plastic 3.0) की शुरुआत की। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस कैंपेन के तीसरे संस्करण को लॉन्च किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में अजय देवगन, रोहित शेट्टी, शरवरी वाघ, इम्तियाज़ अली, भूषण गगरानी, आसिफ भामला, और नीरज रॉय मौजूद थे। इस बार इस पहल के तहत कुछ कलाकारों को लेकर बनाई गई शॉर्ट फिल्मों के जरिए प्लास्टिक प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों से दर्शकों और आम नागरिकों को रूबरू कराया जाएगा। इस फिल्म को कैंपेन की ऑफिशियल थीम आओ प्लास्टिक पॉल्यूशन रोकें (#BeatPlasticPollution) के इर्द-गिर्द बुना गया है। इस कॉन्फ्रेंस में इस थीम को भी लॉन्च किया गया।

इस कैंपेन के तहत बनाई जाने वाली पहली फिल्म ‘अर्थिंग’ है जिसमें अजय देवगन और शरवरी नजर आएंगे। दूसरी फिल्म ‘प्यासा’ है जिसमें अजय देवगन नजर आएंगे। इन दोनों ही फिल्मों को इम्तियाज़ अली ने निर्देशित किया है। ये फिल्में इंसान के तौर-तरीकों में बदलाव लाने पर केंद्रित है और इस दिशा में सोचने को प्रेरित करती हैं कि किस तरह हम छोटे-छोटे कदम उठाकर जलवायु परिवर्तन को रोकने में योगदान दे सकते हैं। टिक टिक प्लास्टिक 3.0 (Tik Tik Plastic 3.0) के ऑफिशियल पार्टनर होने की हैसियत से हंगामा डिजिटल मीडिया इस फिल्म को अलग-अलग डिजिटल प्लैटफॉर्म पर डिस्ट्रीब्यूट करेगा।

इस बार इस कैंपेन को गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप और रविन ग्रुप जैसे पार्टनर का सहयोग मिला है। इस कैंपेन के संदेश को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने और पर्यावरण संरक्षण को लेकर इन पार्टनर की प्रतिबद्धता बेमिसाल है।

बीएमसी के कमिश्नर भूषण गगरानी ने इस तरह तरह की पहल में समाज की भागीदारी जरूरी बताते हुए कहा, “पर्यावरण के सामने जो ज्वलंत चुनौतियां हैं उनसे निपटने के लिए यह अभियान सरकारी संस्थानों, निजी उद्यमों और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के आपसी सहयोग की शक्ति की मिसाल है। मुंबई में हर साल बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा निकलता है और इसके प्रबंधन के लिए सक्रिय सामुदायिक भागीदारी जरूरी है। जागरूकता बढ़ाने और पर्यावरण के अनुकूल आदतों को प्रोत्साहित करके हम प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम कर सकते हैं और अपनी मिट्टी, पौधों और पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं। इस तरह की पहल के माध्यम से हम एक स्वच्छ और हरी-भरी मुंबई बना सकते हैं जो भारत और दुनिया भर के शहरों के लिए मिसाल की तरह हो।”

महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने कहा, “भामला फाउंडेशन नए और बेहद प्रभावी तरीकों से पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता लाने का काम कर रही है। मैं इस पूरी टीम को उनके अथक प्रयासों के लिए बधाई देना चाहूंगा। उन्होंने सीएसआर फंड जुटाने से लेकर तटों की सफाई के अभियान तक और फिर स्टूडेंट्स के लिए जो पहल की है वह सराहनीय है। बीएमसी इस तरह की सार्थक पहल के साथ खड़ा होने में गर्व महसूस करती है। ‘अर्थिंग्’ का कॉन्सेप्ट, इसका संगीत, कहानी और संदेश पूरे देश के दिल को छूएगा। हम मुंबई में और हरियाली वाली जगह (ओपन स्पेस) बनाने की कोशिश करेंगे जो शहर के फेफड़ों की तरह काम कर सकें। जिनकी बदौलत स्वस्थ और हरा-भरा शहर बनाने में हम सफल हो सकें।”

बॉलीवुड एक्टर और विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के ग्लोबल एम्बेसेडर अजय देवगन ने इस कैंपेन से जुड़ने के बारे में कहा, “आज पर्यावरण सिर्फ विश्व की चिंता का विषय नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति की भी जिम्मेदारी है। मैं इस कैंपेन से इसलिए जुड़ा क्योंकि यह छोटे लेकिन अहम कदम उठाने पर जोर देता है। इन कदमों के जरिए हम धरती को राहत पहुंचा सकते हैं। प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना जैसे कुछ बहुत छोटे कदम हमारे स्वच्छ और हरे-भरे भविष्य के लिए अहम हैं। प्लास्टिक प्रदूषण जैसे मुद्दे को उठाकर हम सभी इसे रोकने के लिए मिलकर जरूरी कदम उठा सकते हैं और एक बेहतर दुनिया बना सकते हैं। मेरा मानना है कि मिलकर किए गए प्रयास एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि इस अहम कैंपेन के लिए मेरी आवाज काम आ सकी।”

भामला फाउंडेशन के चेयरमैन आसिफ भामला जरूरी कदम उठाने की सख्त जरूरत बताते हुए कहते हैं, “अगर हमें कुछ बदलाव लाना है, तो पूरे समाज या समुदाय को साथ जोड़ना जरूरी है। असल बदलाव लाने में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी भी अहम है जैसे कि इस कैंपेन के सिलसिले में बीएमसी और गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप के बीच हुई है। इस तरह की भागीदारी से ही असल बदलाव आएगा। हमारे देश में आदतों को बदलना एक बड़ी चुनौती की तरह है और ऐसे में आसान शब्दों में अहम संदेश जरूरी हो जाता है ताकि बात दिल पर असर करे। उदाहरण के लिए, पर्यावरण हितैषी विकल्पों की मदद से सिंगल यूज प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल बंद करना। मिट्टी, पौधों और पर्यावरण की रक्षा करना भले ही छोटे-छोटे कदम कदम लगें, लेकिन ये बहुत अहम हैं जिनसे हम इस धरती की रक्षा कर सकते हैं। इन फिल्मों के जरिए हम प्रकृति के संरक्षण वाली जीवनशैली को बढ़ावा देना चाहते हैं और चाहते हैं कि लोगों को प्रकृति को बचाने के लिए प्रेरित कर सकें।”

इस साल के कैंपेन के बारे में हंगामा डिजिटल मीडिया के फाउंडर और मैनेजिंग डाइरेक्टर नीरज रॉय ने कहा, “टिक टिक प्लास्टिक 3.0 (Tik Tik Plastic 3.0) के लिए भामला फाउंडेशन के साथ अपनी पार्टनरशिप को जारी रखते हुए हमें बेहद खुशी और गर्व है। इम्तियाज़ अली की फिल्म को शानदार ढंग से पेश करने की खूबी, अजय देवगन और शरवरी जैसे कलाकारों के साथ से हमें पूरा यकीन है कि हम ऐसा संदेश लोगों तक पहुंचा पाएंगे जो उन्हें अहम कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा। सिनेमा की ताकत और डिजिटल मीडिया की पहुंच का इस्तेमाल करके हमारा मकसद सिर्फ जागरूकता पैदा करना ही नहीं है, बल्कि हम लोगों की आदतों में बदलाव लाना चाहते हैं, ताकि पर्यावरण का बेहतर तरीके से संरक्षण हो सके।”

फिल्म की रिलीज के साथ, टिक टिक प्लास्टिक 3.0 (Tik Tik Plastic 3.0) के तहत कुछ अभियान भी चलाएं जाएंगे जो पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित करेंगे। इनमें वनरोपण, कंपोस्टिंग वर्कशॉप, तटों की सफाई का अभियान, मिट्टी और जमीन के संरक्षण के लिए ग्रीन सायक्लोथॉन के साथ पूरे मुंबई में अलग-अलग जगह जागरूकता बढ़ाने वाले इंस्टालेशन लगाए जाना शामिल है। यह कैंपेन शिक्षण संस्थानों और अन्य भागीदारों जैसे यूएनईपी इंडिया, एमसीजीएम, और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में भी चलाया जाएगा, ताकि संरक्षण और समाज की भागीदारी से अहम बदलाव का संदेश सिर्फ विश्व पर्यावरण दिवस तक ही सिमटकर न रह जाए, बल्कि उसके बाद भी निरंतर जारी रहे।